बता दें कि 3 दिसंबर को कथित गोकशी को लेकर चिंगरावठी पुलिस चौकी के पास में बवाल हो गया था। इस दौरान गुस्साई भीड ने आगजनी और वाहनों में तोड़फोड़ की गई थी। घटना में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह और सुमित कुमार की गोली लगने से मौत हो गई थी। घटना की जांच करने में एसआईटी और एसटीएफ लगी है। एसटीएफ के अधिकारियों का कहना है कि जांच में जिन तीन युवकों के नाम सामने आए हैं, वे घटना वाले दिन से ही फरार हैं। पुलिस भी इसी एंगल से जांच कर रही है। इन्हीं में से ही एक ने इंस्पेक्टर को गोली मारी थी। एसटीएफ ने तीनों को गिरफ्तार करने के लिए जाल बिछा दिया है। साथ ही लगातार दबिश दी जा रही है।
उधर, इंस्पेक्टर की हत्या में गिरफ्तार किए गए फौजी जीतू से जांच एजेंसियां पूछताछ के बाद यह नहीं कबूल करवा सकीं कि उसने ही गोली मारी थी। पूछताछ के दौरान जीतू ने कबूल किया था कि घटना के वक्त मौके पर मौजूद थे। फौजी ने पूछताछ के दौरान कहा था कि उसने इंस्पेक्टर को गोली नहीं मारी। अभी एसटीएफ यह जांच कर रही है कि इंस्पेक्टर को गोली किसने मारी है।